भोपाल, 10 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री आवास पर हलचल तेज है और राज्य सरकार के कई मंत्री मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करने पहुंच रहे हैं। वहीं बागी तेवर अपनाए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों पर पार्टी कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं, इस बीच कांग्रेस के विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की बातें सामने आ रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रियों के जुटने का दौर जारी है, मंत्री लाखन सिंह, हुकुम सिंह कराड़ा, जीतू पटवारी मुख्यमंत्री आवास पहुंच चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस का भी रुख सख्त हो रहा है और मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री की होने वाली बैठक में सिंधिया समर्थकों, विधायकों और मंत्रियों के संदर्भ में बड़ा फैसला हो सकता है।
गौरतलब है कि सोमवार देर रात को मंत्रिमंडल की अनौपचारिक बैठक हुई थी। राज्य सरकार के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से कहा था, मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई थी, इस बैठक में मौजूद 20 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं। हम भाजपा की घृणित चाल को पूरा नहीं होने देंगे।
राज्य के 17 विधायक सोमवार की सुबह से लापता है, सभी के फोन बंद है। इसके बाद से सरकार पर संकट मंडराने की बात आ रही है। यह सभी विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक है। इन विधायकों के फैसले पर ही सरकार का भविष्य टिका हुआ है।
वर्तमान विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है कि राज्य में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है। राज्य की 230 सीटों में से 228 विधायक हैं, दो सीटें खाली हैं। कांग्रेस के 114 और भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस की कमल नाथ सरकार निर्दलीय चार, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन से चल रही है।
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