नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में मंगलवार का दिन काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इस दिन यह तय हो जाएगा कि कमलनाथ सरकार रहेगी या फिर गिर जाएगी। बगावती तेवर दिखा रहे कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निर्भर करता है कि वह कांग्रेस हाईकमान के नए प्रस्ताव पर क्या रुख अख्तियार करते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिंधिया के अगले कदम का इंतजार कर रही है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, रविवार रात को ही मध्य प्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापठक की पटकथा लिख दी गई थी। भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और धर्मेद्र प्रधान ने सिंधिया से मुलाकात की थी। इसमें प्रस्तावों पर सहमति बनने के बाद ही सभी सिंधिया समर्थकों को भोपाल से दिल्ली बुला लिया गया था। इसके बाद ही कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बना था।
इस बीच सोमवार रात भाजपा नेताओं की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका और प्रदेश में राजनीतिक संभावना पर विचार किया गया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत करने से इनकार के बाद संभव है कि वे मंगलवार को दिल्ली या भोपाल में भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। गौरतलब है कि मंगलवार शाम सात बजे भोपाल में भाजपा विधायक दल की बैठक होने वाली है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है।
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